
कार्तिक पूर्णिमा 2025 का पावन पर्व इस वर्ष 5 नवंबर (बुधवार) को मनाया जाएगा। पंचांगों के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 नवंबर की रात 10:36 बजे से होकर 5 नवंबर की रात तक रहेगी। इसी कारण कई जगहों पर यह भ्रम रहता है कि कार्तिक पूर्णिमा 4 या 5 नवंबर को है, लेकिन मुख्य व्रत और पूजा 5 नवंबर को की जाएगी।
Kartik Purnima 2025 Date: 04 या 05 नवंबर, कब है कार्तिक पूर्णिमा?
🕉️ पौराणिक महत्व
Kartik Purnima 2025 Date: कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान शिव के त्रिपुरासुर वध से जुड़ा है। इसीलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन महादेव ने तीनों लोकों की रक्षा करते हुए असुर त्रिपुरासुर का अंत किया था।
इस दिन देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं, गंगा स्नान करते हैं और दीपदान करते हैं। इसीलिए इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान, भगवान शिव और विष्णु की पूजा तथा दीपदान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा का संबंध भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से भी है। कहते हैं कि इसी दिन उन्होंने प्रथम बार मत्स्य रूप में प्रकट होकर संसार की रक्षा की थी।
📿 पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
- प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें।
- घर को स्वच्छ करें और भगवान शिव, विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- शाम के समय दीपदान करें — दीपक जलाकर जल में प्रवाहित करें या मंदिर में रखें।
- चंद्रमा को अर्घ्य दें और परिवार की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है — अन्न, वस्त्र और धन का दान अत्यंत शुभ माना गया है।
✨ देव दीपावली का उत्सव
Kartik Purnima 2025 Date: कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर देव दीपावली का भव्य आयोजन होता है। वाराणसी सहित अनेक तीर्थों में गंगा आरती और दीपदान के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्वयं देवता गंगा तट पर आकर दीप प्रज्वलित करते हैं।
🌕 कार्तिक पूर्णिमा 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त और विशेष योग
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, भगवान शिव की पूजा और संध्याकाल में दीपदान करने से व्यक्ति को जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा कहा गया है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे साधक के जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक सुख-संपत्ति का आगमन होता है।
🕉️ कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त ~ कब है कार्तिक पूर्णिमा?
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर 2025, रात्रि 10:36 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2025, सायं 6:48 बजे
- देव दीपावली आरती का समय: संध्या 5:15 बजे से 7:50 बजे तक
Kartik Purnima 2025 Date: इस दिन गंगा तटों पर दीपदान का अत्यंत महत्व है। मान्यता है कि जब देवता स्वयं पृथ्वी पर आकर गंगा स्नान और दीपदान करते हैं, तो मनुष्य भी उसी समय यह क्रिया करे तो उसके पुण्य फल कई गुना बढ़ जाते हैं।
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✨ कार्तिक पूर्णिमा के शुभ योग (Kartik Purnima Shubh Yog 2025)
Kartik Purnima 2025 Date: ज्योतिषीय दृष्टि से भी कार्तिक पूर्णिमा 2025 का दिन अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इस दिन सिद्धि योग, शिववास योग, और अश्विनी नक्षत्र जैसे मंगलकारी योग बनेंगे। इन शुभ संयोगों में किया गया स्नान, पूजन, दान और जप-तप अक्षय फल प्रदान करता है।
- सिद्धि योग: प्रातः 11:28 बजे तक
- शिववास योग: सायं 6:48 बजे से प्रारंभ
- अश्विनी नक्षत्र: प्रातः 9:40 बजे तक
- बव और बालव करण का संयोग: पूरी रात्रि
Kartik Purnima 2025 Date: इन सभी शुभ योगों में गंगा स्नान, महादेव की आराधना, और दीपदान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया एक भी शुभ कार्य कई जन्मों के पापों को नष्ट कर देता है और भगवान शिव की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
🪔 कब है कार्तिक पूर्णिमा? निष्कर्ष
Kartik Purnima 2025 Date: कार्तिक पूर्णिमा 2025, बुधवार 5 नवंबर को मनाई जाएगी। यह दिन देव दीपावली, त्रिपुरारी पूर्णिमा और गंगा स्नान पर्व के रूप में प्रसिद्ध है।
इस पवित्र अवसर पर स्नान, दान, दीपदान और शिव-विष्णु पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य स्थायी रूप से स्थापित होता है।
जहाँ दीप जलते हैं और श्रद्धा होती है, वहाँ माँ लक्ष्मी और भगवान शिव का निवास होता है।













