
lakshmi ji ko naraz karne wali 10 aadatein: हर कोई चाहता है कि उसके घर में सुख, समृद्धि और धन की कभी कमी न हो, लेकिन अनजाने में अपनाई गई कुछ आदतें ही लक्ष्मी जी को रुष्ट कर देती हैं। नतीजा — मेहनत से कमाया धन टिकता नहीं और जीवन में परेशानियाँ बढ़ जाती हैं।
लक्ष्मी जी को नाराज़ करने वाली 10 आदतें | घर में धन क्यों नहीं टिकता?
1. घर में गंदगी और अव्यवस्था रखना
माता लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है। जिस घर में गंदगी, जाले या बिखराव रहता है, वहाँ लक्ष्मी जी का वास नहीं होता। दरवाज़े, पूजा स्थान और रसोई विशेष रूप से साफ-सुथरे होने चाहिए, क्योंकि यही धन ऊर्जा के प्रवेश द्वार हैं। अगर घर गंदा रहेगा तो समृद्धि धीरे-धीरे दूर चली जाएगी।
2. शाम के समय झाड़ू लगाना या कचरा फेंकना
शास्त्रों में कहा गया है कि संध्या समय झाड़ू लगाने या कचरा बाहर फेंकने से धन की देवी घर छोड़ देती हैं। यह समय लक्ष्मी जी के आगमन का होता है, और इस दौरान सफाई से जुड़ी गतिविधियाँ उन्हें अप्रिय लगती हैं। इसलिए रात में झाड़ू या कचरा बाहर निकालना अशुभ माना गया है। इससे आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
3. पूजा-पाठ और दीपक की उपेक्षा करना
हर दिन सुबह और शाम का दीपक लक्ष्मी जी की कृपा का प्रतीक है। जो व्यक्ति नियमित पूजा या आरती नहीं करता, वह देवी की कृपा से धीरे-धीरे वंचित हो जाता है। दीपक केवल रोशनी नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। इसे जलाना लक्ष्मी जी को आमंत्रण देने के समान है।
4. झूठ बोलना और दूसरों का अपमान करना
लक्ष्मी जी केवल धन नहीं, बल्कि नीति और सदाचार की भी प्रतीक हैं। जो व्यक्ति झूठ बोलता है, छल करता है या दूसरों का अपमान करता है, उसके जीवन से धीरे-धीरे धन और शांति दोनों चली जाती हैं। शुद्ध आचरण और विनम्रता ही देवी की कृपा प्राप्त करने का मार्ग हैं।
5. रसोई को गंदा या सूना छोड़ देना
रसोई को माता अन्नपूर्णा और लक्ष्मी का स्थान माना गया है। यदि यह स्थान गंदा, सूखा या बिना भोजन के रहता है, तो घर की समृद्धि कम होने लगती है। हर दिन भोजन के बाद रसोई को साफ करना और दीपक जलाना शुभ माना गया है। यह लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का सरल उपाय है।
6. समय पर न सोना और देर तक सोते रहना
सुबह देर तक सोना आलस्य और तमस का प्रतीक है, जो लक्ष्मी जी को अप्रिय है। जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद भी सोता रहता है, उसके घर में धन का प्रवाह रुकने लगता है। जल्दी उठना, स्नान करना और सुबह की सकारात्मक ऊर्जा को अपनाना ही देवी को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ तरीका है।
7. बड़ों और अतिथियों का अनादर करना
जहाँ बड़ों का आदर और अतिथियों का सम्मान नहीं होता, वहाँ लक्ष्मी जी कभी नहीं ठहरतीं। आदर और सेवा भाव देवी की कृपा को आकर्षित करते हैं। अतिथि को भगवान का रूप माना गया है, और उनका स्वागत प्रेम से करने से घर में पुण्य और समृद्धि दोनों बढ़ते हैं।
8. अनावश्यक खर्च और दिखावा करना
लक्ष्मी जी विवेकपूर्ण उपयोग की प्रतीक हैं। जो व्यक्ति धन का दुरुपयोग या दिखावे में खर्च करता है, वह धीरे-धीरे आर्थिक रूप से अस्थिर हो जाता है। व्यर्थ खर्च न केवल धन को नष्ट करता है बल्कि देवी की कृपा को भी कम करता है। संयमित जीवन ही लक्ष्मी को स्थायी बनाता है।
9. दूसरों की बुराई या ईर्ष्या करना
ईर्ष्या और नकारात्मक सोच धन की ऊर्जा को कमजोर करती है। जो व्यक्ति दूसरों की सफलता से जलता है या उनके प्रति द्वेष रखता है, उसके जीवन में संतोष समाप्त हो जाता है। लक्ष्मी जी का वास उसी मन में होता है जहाँ प्रेम, सद्भाव और शुभ चिंतन बसता है।
10. रात में बर्तन जूठे छोड़ना या दीपक बुझाना
रात को जूठे बर्तन छोड़ना और दीपक बुझा देना अशुभ माना गया है। यह आलस्य और अनादर का प्रतीक है, जिससे देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। सोने से पहले रसोई साफ करना और दीपक को सुरक्षित स्थान पर जलता रखना घर में सुख-शांति और धन की स्थिरता बनाए रखता है।
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निष्कर्ष : लक्ष्मी कृपा पाने का सबसे सरल मार्ग
lakshmi ji ko naraz karne wali 10 aadatein:माता लक्ष्मी केवल धन नहीं, बल्कि शांति, सौभाग्य और संतुलन की भी देवी हैं अगर जीवन में स्वच्छता, संयम और सच्चाई अपनाई जाए, तो वे स्वयं घर में वास करती हैं। रोज़ की छोटी गलतियाँ ही लक्ष्मी कृपा में बाधा बनती हैं — इन्हें सुधारना ही स्थायी समृद्धि का रहस्य है। जहाँ श्रद्धा, कृतज्ञता और सदाचार का वास होता है, वहीं धन टिकता है और लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहती हैं।













