
मार्गशीर्ष माह के गुरुवार को मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने का विधान है। इस दिन की गई आरती से देवी प्रसन्न होकर घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास करती हैं। आइए पढ़ें श्री महालक्ष्मी देवीची आरती और प्रसिद्ध ॐ जय लक्ष्मी माता आरती के सम्पूर्ण बोल।
मार्गशीर्ष गुरुवार आरती – श्री महालक्ष्मी देवीची आरती एवं ॐ जय लक्ष्मी माता आरती
मार्गशीर्ष गुरुवार आरती श्री महालक्ष्मी देवीची:
जयदेवी जयदेवी जय लक्ष्मीमाता।
प्रसन्न होऊनिया वर देई आता।। धृ. ।।
विष्णुप्रिये तुझी सर्वांतरी सत्ता।
धन दौलत देई लक्ष्मीव्रत करिता।।1।।
विश्वव्यापक जननी तुज ऐसी नाही।
धावसी आम्हालाही पावसी लवलाही।। 2।।
त्र्यैलोक्य धारिणी तू भक्ता लाभे सुखशांती।
सर्व सर्वही दु:ख सर्व ती पळती ।।3।।
वैभव ऐश्वर्याचे तसेच द्रव्याचे ।
देसि दान बरदे सदैव सौख्याचे ।। 4।।
यास्तव अगस्ती बंधु आरती ओवाळी।
प्रेमे भक्तासवे लोटांगण घाली ।। 5।।
जयदेवी जयदेवी जय लक्ष्मीमाता।
प्रसन्न होऊनिया वर देई आता……
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ॐ जय लक्ष्मी माता – Laxmi Mata KI Aarti | महालक्ष्मी माता की आरती
दूसरी आरती – ॐ जय लक्ष्मी माता:
अगहन माह में आने वाले सभी गुरुवार को धन की देवी मां लक्ष्मी का विशेष पूजन करने का महत्व है। इस दिन महालक्ष्मी माता की यह आरती धन-समृद्धि तथा शुभाशीष का वरदान देती है। यहां पढ़ें लक्ष्मी माता की आरती…
लक्ष्मी माता की आरती- ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता॥ ॐ जय…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय…
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥ ॐ जय…
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय…
जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता॥ ॐ जय…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥ ॐ जय…
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता॥ ॐ जय…
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता॥ ॐ जय…
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