
भारतीय संस्कृति में झाड़ू को केवल सफाई का साधन नहीं, बल्कि माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। झाड़ू घर की शुद्धि, व्यवस्था और समृद्धि का प्रतीक है। लेकिन हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते आए हैं कि रात को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, वरना लक्ष्मी जी घर से रूठ जाती हैं।
रात को झाड़ू लगाने से क्यों रूठ जाती हैं लक्ष्मी जी
क्या यह सिर्फ एक लोककथा है या इसके पीछे कोई गहरा धार्मिक और वैज्ञानिक रहस्य छिपा है?
आइए, आज इस रहस्य को विस्तार से समझते हैं।
🔱 शास्त्रों में झाड़ू का आध्यात्मिक महत्व
गरुड़ पुराण और गृहस्थ धर्म में कहा गया है कि घर की साफ-सफाई से न केवल भौतिक गंदगी दूर होती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक नकारात्मकता भी मिटती है।
झाड़ू को “लक्ष्मी तत्त्व का वाहन” कहा गया है, क्योंकि यह दरिद्रता को बाहर निकालने का प्रतीक है।
हर सुबह झाड़ू लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जबकि गंदगी और अव्यवस्था लक्ष्मी जी को अप्रसन्न करती है।
🌒 तो फिर रात को झाड़ू लगाना अशुभ क्यों कहा गया?
शास्त्रों और लोक परंपराओं के अनुसार, रात्रि का समय विश्राम और स्थिरता का होता है।
दिनभर की ऊर्जा रात में शांत हो जाती है। ऐसी स्थिति में झाड़ू लगाने से घर की वह “स्थिर ऊर्जा” भी बह जाती है, जो धन और सुख को आकर्षित करती है।
गरुड़ पुराण में यह भी उल्लेख है कि रात को लक्ष्मी जी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और यदि कोई व्यक्ति उस समय झाड़ू लगाता है, तो यह उनके प्रति असम्मान माना जाता है।
झाड़ू से उड़ती धूल और गंदगी से लक्ष्मी जी का “सूक्ष्म रूप” घर से बाहर चला जाता है।
इसलिए कहा गया कि “रात को झाड़ू लगाने से लक्ष्मी घर से चली जाती हैं।”
💫 व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टि से कारण
अगर हम इसे व्यावहारिक नजरिए से देखें, तो पुराने समय में बिजली नहीं होती थी।
रात को दीयों या कमजोर रोशनी में झाड़ू लगाने से गहने, पैसे, सुई, या अनाज के दाने जैसी छोटी वस्तुएँ गलती से बाहर फेंक दी जाती थीं।
इससे घर का धन हानि होती थी।
इसी से यह मान्यता बनी कि “रात को झाड़ू लगाने से धन चला जाता है।”
इसके अलावा, रात के समय धूल उड़ने से श्वसन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
यही कारण था कि हमारे ऋषि-मुनियों ने इसे “अशुभ” कहकर रोक लगा दी, ताकि परिवार का स्वास्थ्य और धन दोनों सुरक्षित रहें।
🌼 कब झाड़ू लगाना शुभ होता है?
शास्त्रों के अनुसार, झाड़ू लगाने का सबसे शुभ समय है —
🕕 सुबह सूर्योदय से पहले या ठीक बाद में।
उस समय वातावरण में प्राण ऊर्जा (Positive Energy) का प्रवाह सबसे अधिक होता है।
सुबह झाड़ू लगाने से घर में दिनभर सकारात्मकता, शांति और लक्ष्मी का निवास बना रहता है।
यदि किसी कारणवश आपको रात में सफाई करनी पड़े, तो झाड़ू लगाने के बाद कचरा बाहर न फेंकें, बल्कि सुबह सूर्योदय के बाद ही बाहर करें।
यह नियम लक्ष्मी तत्त्व की मर्यादा को बनाए रखता है।
🪔 शास्त्रोक्त निष्कर्ष
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झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक है।
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सुबह झाड़ू लगाना शुद्धता और समृद्धि का संकेत है।
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रात को झाड़ू लगाने से स्थिर ऊर्जा और धन तत्त्व नष्ट होते हैं।
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यदि झाड़ू लगानी ही पड़े, तो उसे आधी रात के बाद या अंधेरे में न करें।
✨ अंतिम संदेश
भारतीय परंपराएँ केवल अंधविश्वास नहीं, बल्कि ऊर्जा, विज्ञान और आध्यात्मिक संतुलन पर आधारित हैं।
रात को झाड़ू न लगाने का नियम भी घर की ऊर्जा संरचना को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था।
इसलिए अगली बार जब आपकी दादी या माँ कहें —
“रात में झाड़ू मत लगाना, लक्ष्मी रूठ जाएँगी” —
तो जान लीजिए, वे न केवल परंपरा निभा रही हैं बल्कि आपके घर की समृद्धि की रक्षा भी कर रही हैं।
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