
घर पर श्री सत्यनारायण का पूजन स्वयं कैसे करें: श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि: शास्त्रों में बताया गया है कि श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुःख दूर होते हैं और घर में सुख-शांति तथा समृद्धि का वास होता है। यह व्रत विशेष रूप से पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा, और विवाह जैसे शुभ अवसरों पर किया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की उपासना करना है।
श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि – संपूर्ण विवरण
🕉️ श्री सत्यनारायण व्रत पूजा पूजा से पूर्व की तैयारी
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पूजा के लिए स्वच्छ स्थान चुनें और उसे गंगाजल से पवित्र करें।
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कलश में जल, आम्रपत्र (आम के पत्ते), सुपारी और नारियल रखें।
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कलश के पास पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) तैयार रखें।
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केला, नारियल, तुलसी दल, फूल, दीपक, धूप, मिठाई, चावल, सुपारी आदि सामग्री पास रखें।
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परिवार सहित स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
🪔 श्री सत्यनारायण व्रत पूजा प्रारंभ
सबसे पहले अपने मन, वचन और कर्म से भगवान सत्यनारायण की आराधना का संकल्प लें (अपने दाहिने हाथ में जल, पुष्प, अक्षत व द्रव्य लेकर श्रीसत्यनारायण भगवान आदि के पूजन का संकल्प करें) —
🕉️ संकल्प मंत्र:
“मम सर्वपापक्षयपूर्वकं सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थं श्रीसत्यनारायणपूजनं करिष्ये।”
अथवा
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य
विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्य श्री ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीयेपरार्धे
श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलि-
युगे कलि प्रथम चरणे जंबूद्वीपे भरतखंडे भारतवर्ष
आर्य्यावर्तेक देशांतर्गत (अमुक) क्षेत्रे/नगरे/ग्रामे (अमुक) संवत्सरे, (अमुक)ऋतौ (अमुक)
मासानाममासे (अमुक) मासे (अमुक)तिथौ (अमुक)वासरे (अमुक)नक्षत्रे (अमुक)राशि सर्व गृहेषु यथा यथा राशि स्थितेषु सत्सु एवं
गृहगुणगण विशेषण विशिष्ठायां शुभ पुण्यतिथौ
(अमुक) गोत्रोत्पन्न(अमुक)नाम ( शर्मा/ वर्मा/ गुप्तो दासोऽहम् अहं) ममअस्मिन कायिक वाचिक मानसिक ज्ञातज्ञात सकल दोष परिहारार्थं श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त फल प्राप्त्यर्थं आरोग्यैश्वर्य दीर्घायुः विपुल धन धान्य समृद्धर्थं पुत्र-पौत्रादि अभिवृद्धियर्थं व्यापारे उत्तरोत्तरलाभार्थं सुपुत्र पौत्रादि बान्धवस्य सहित श्रीसत्यनारायण,गणेश-अम्बिका आदि पूजनम् च करिष्ये/ करिष्यामि ।
🌸 पवित्रीकरण एवं आसन शुद्धि
गंगाजल लेकर अपने ऊपर व वस्तुओं पर छिड़काव करें और मंत्र पढ़ें —
“ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥”
इससे स्थान और साधक दोनों शुद्ध हो जाते हैं।
🙏 आचमन (शुद्धि हेतु)
तीन बार निम्न मंत्रों के साथ जल ग्रहण करें —
“ॐ केशवाय नमः।”
“ॐ माधवाय नमः।”
“ॐ गोविन्दाय नमः।”
🪔 गणेश पूजन
सर्वप्रथम विघ्नविनायक श्री गणेश की पूजा करें —
“ॐ गणेशाय नमः।”
फूल, अक्षत और दीप अर्पित करें ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए।
🌺 अंबिका पूजन
फिर माता पार्वती (अंबिका) की आराधना करें —
“ॐ अंबिकायै नमः।”
इससे पूजा पूर्णता को प्राप्त होती है।
🌿 पंचामृत स्नान
भगवान सत्यनारायण का पंचामृत स्नान कराएँ —
दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से स्नान कराकर गंगाजल से अभिषेक करें।
🌼 वस्त्र, फूल और प्रसाद अर्पण
भगवान को नए वस्त्र पहनाएँ, फूल, तुलसी, मिठाई और फल अर्पित करें।
दीप, धूप, चंदन और नैवेद्य चढ़ाएँ।
🪔 श्री सत्यनारायण व्रत पूजा आरती और कथा पाठ
अब पूरे परिवार के साथ श्री सत्यनारायण व्रत कथा सुनें।
कथा के बाद “ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा” आरती करें।
आरती के समय घंटी और शंख बजाएँ।
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🍚श्री सत्यनारायण व्रत पूजा प्रसाद वितरण
पूजा समाप्त होने पर पंचामृत और प्रसाद (फल, मिठाई, कदली फल आदि) भक्तों में बाँटें।
अंत में भगवान से क्षमायाचना करें —
“यत्किञ्चिदपि दोषोऽत्र कार्येऽस्मिन् संप्रवर्तते।
तत्सर्वं क्षम्यतां देव श्रीसत्यदेव नमोऽस्तुते॥”
🌼श्री सत्यनारायण व्रत पूजा का फल
घर पर श्री सत्यनारायण का पूजन स्वयं कैसे करें: जो भक्त श्रद्धा, भक्ति और नियमपूर्वक सत्यनारायण व्रत करता है, उसे
हजार यज्ञों के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।
उसके जीवन में सत्य, समृद्धि और संतोष का स्थायी वास होता है।
📿घर पर श्री सत्यनारायण का पूजन स्वयं कैसे करें सुझाव:
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यह व्रत पूर्णिमा, संक्रांति, या किसी भी शुभ अवसर पर किया जा सकता है।
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व्रत कथा का पाठ करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
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नियमित रूप से आरती करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी दोनों की कृपा बनी रहती है।













